DJ
देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी पर धनतेरस के मान-विधान अनुसार श्री-समृद्धि की देवी लक्ष्मी विघ्नहर्ता गणपतिदेव के साथ दर्शन देंगी। स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी भक्तों पर दोनों हाथों से अन्न-धन का खजाना लुटाएंगी। विश्वनाथ गली स्थित अन्नपूर्णा दरबार के प्रथम तल स्थित मंदिर के पट शुक्रवार दोपहर पूजन-अर्चन के बाद पांच दिनों के लिए खुल जाएंगे।
तिथि विशेष पर आरोग्य का अमृत कलश भी छलकेगा। इस उपहार के साथ स्वयं अवतरित होंगे भगवान धन्वंतरि जिनकी जयंती मनाई जाएगी। सुड़िया स्थित धन्वंतरि भवन में 300 वर्ष से अधिक पुरानी उनकी अनूठी अष्टधातु की मूर्ति सार्वजनिक रूप से दर्शनार्थ रखी जाएगी। रजत सिंहासन पर विराजमान लगभग ढाई फीट ऊंची, 25 किलोग्राम वजन की रत्न जड़ित मूर्ति साक्षात हरि के सामने खड़े होने का आभास कराएगी।