(Hindustan)
अयोध्य में भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई खत्म हो चुकी है और कोर्ट अब इस मामले में अगले मंगलवार को सुनवाई करेगा। कोर्ट अगले मंगलवार को आदेश जारी करेगा कि केस को समय बचाने की खातिर कोर्ट की निगरानी में मध्यस्थता के लिए भेजा जाएगा या नहीं। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस. ए. बोबड़े, न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में 14 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। हाईकोर्ट ने चार दीवानी मामलों का निपटारा करते हुए फैसला सुनाया था कि अयोध्या में स्थित 2.77 एकड़ की विवादित भूमि तीन पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बांट दी जाए।
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अयोध्या मामले में हम मंगलवार को सुनवाई करेंगे और मामले में मध्यस्थ नियुक्त करने पर विचार करेंगे, तब तक आप लोग सबूतों पर विचार करें|
– धवन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया, कहा कि पहले भी मध्यस्थता का प्रयास हुआ था, लेकिन विफल रहा।
– अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय का सुझाव दिया कि यदि एक प्रतिशत भी संभवना है तो मध्यस्थता की जानी चाहिए।