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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को चेतावनी दी कि यदि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए तो वह अपना पद्म भूषण सम्मान सरकार को लौटा देंगे। 81 वर्षीय अन्ना यहां अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं, जिसे रविवार को 5 दिन पूरे हो गए। रविवार को दिन में एनडीए गठबंधन में भाजपा के साथी दल शिव सेना ने अन्ना हजारे की मांगों का समर्थन करने की घोषणा की। शिवसेना ने अन्ना से समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण का अनुसरण करते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व संभालने की अपील की।
अन्ना हजारे ने अहमदनगर जिले में स्थित अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में बुधवार को भूख हड़तार शुरू की थी। उनकी मांग है कि लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति की जाए तथा किसानों के मुद्दे पर संकल्प पत्र पेश किया जाए। अन्ना ने कहा कि मोदी सरकार ने लोगों का विश्वास तोड़ा है। उन्होंने अगले कुछ दिन में अपनी मांगें नहीं मानने पर देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण लौटा देने की चेतावनी दी, जो उन्हें 1992 में दिया गया था। रविवार को डॉ. धनंजय पोटे ने अन्ना की स्वास्थ्य जांच करने के बाद बताया कि खाना नहीं खाने के कारण उनका 3.8 किलोग्राम वजन कम हो चुका है और ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर व यूरिन में क्रिएटिन का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है।