सरकारी विभाग और एनजीओ मिलकर खत्म करें जानलेवा दिमागी बुखार : योगी

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(DJ)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई है कि सरकारी विभाग और एनजीओ यदि एक साथ मिलकर तय योजना पर काम करें तो पूर्वांचल के 38 जिलों में बच्चों से बड़ों तक के लिए जानलेवा बने दिमागी बुखार को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारों और डॉक्टरों ने पहले इसमें दिलचस्पी नहीं ली और अज्ञात बीमारी के नाम पर बच्चे मरते रहे लेकिन, अब पहली बार यूनीसेफ और स्वास्थ्य विभाग एक साथ इसके लिए आगे बढ़ रहे हैं। जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) को लेकर प्रदेश के 38 जिलों में ऐसे 617 गांव चुने गए हैं, जहां से बीमारी की शुरुआत हो रही है या फैल रही है।

इन गांवों व अन्य प्रभावित क्षेत्रों में साफ-सफाई और जागरुकता को लेकर व्यवहार परिवर्तन अभियान दस्तक और इस संबंध में दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला की शुरुआत मुख्यमंत्री ने सोमवार को गोमतीनगर के एक होटल में की। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेंद्र सिंह और यूनीसेफ की उप्र प्रमुख रूथ एल.लियानो की मौजूदगी में पोस्टर व सीडी के तौर पर टीवी और रेडियो के लिए प्रचार सामग्री जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षा और पंचायती राज विभाग को भी साफ-सफाई के प्रति जागरूकता अभियान चलाने को कहा। उन्होंने बताया कि यह किट प्रभावित जिलों के करीब 600 स्कूलों में भी वितरित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, यह पता लगाया जाना चाहिए कि गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के पोषण और स्वास्थ्य के लिए पहले जारी होने वाला पैसा सहीं जगह तक न पहुंचने देने के अपराधी कौन थे। जेई-एईएस को लेकर डॉक्टरों द्वारा लापरवाही बरते जाने को भी उन्होंने गंभीर मामला बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रभावित जिलों के पीएचसी-सीएचसी व जिला अस्पतालों के स्टाफ को गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि जानकारी के अभाव में कोई बच्चा जान न गंवाए। उन्होंने बताया कि पिछले साल 92 लाख बच्चों का टीकाकरण किया गया था लेकिन वह सही समय नहीं था। इस बार मार्च-अप्रैल में जेई से बचाव का टीकाकरण कराया जाएगा।

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