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भारतीय जनता पार्टी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के नारे को आंशिक रूप से साकार करने की ओर एक बड़ा कदम उठा सकती है। पार्टी को अहसास हो गया है कि लोकसभा के साथ पूरे देश के सभी राज्यों के विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराना संभव नहीं है। इसलिए मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ कम से कम 13 राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने पर पार्टी मंथन कर रही है।
इस साल नवंबर में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के चुनाव होने हैं। इन राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा कर चुनाव छह महीने बाद कराया जा सकता है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव वैसे भी लोकसभा चुनाव के साथ ही होने तय हैं।
महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, बिहार और दिल्ली में चुनाव लोकसभा चुनाव के 6 से 8 महीनों के बाद हुए थे। इनमें सिर्फ दिल्ली ही ऐसा राज्य है जहां भाजपा की सरकार नहीं है। अन्य चारों राज्यों की सरकारें समय से पहले विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर चुनाव लोकसभा के साथ करा सकती हैं।