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बजट 2018-19 में केंद्र सरकार द्वारा घोषित की गई नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम को जमीन पर उतारने की कवायद शुरू की जा चुकी है। केंद्र ने राज्यों से चर्चा के लिए आज बैठक बुलाई है। बैठक में सभी राज्यों के सचिवों को बुलाया गया है। दो दिवसीय बैठक में केंद्र सरकार और नीति आयोग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। जो योजना को लागू करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करेंगे।
इस योजना के माध्यम से 50 करोड़ लोगों को हर साल 5 लाख रुपये तक का बीमा उपलब्ध कराने की योजना है। योजना के लिए सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया है। केंद्र की सरकार चाहती है कि प्रदेश सरकारें इस योजना में 40 प्रतिशत हिस्सा वहन करें, जबकि 60 फीसदी खर्च केंद्र सरकार उठाने के लिए तैयार है। इस योजना को लेकर केंद्र और राज्यों के सरकारों के बीच तनाव हो सकता है। पश्चिम बंगाल की सरकार ने इस योजना को अपने राज्य में लागू करने से इनकार कर दिया है। पश्चिम बंगाल में एक स्वास्थ्य योजना पहले से लागू है। इसी तरह आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेंलगाना में भी कुछ स्वास्थ्य योजनाएं चल रही हैं। ऐसे में इस पर सस्पेंस बना हुआ है कि क्या यह राज्य, केंद्र सरकार की योजना को अपने यहां लागू करेंगे।