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वर्षो के विचार-विमर्श के बाद सेना ने 15 हजार करोड़ रुपये की बड़ी परियोजना को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत सेना के अहम हथियारों और टैंकों के लिए स्वेदशी गोला-बारूद निर्मित किया जाएगा। इससे न सिर्फ आयात में होने वाले विलंब से छुटकारा मिल जाएगा, बल्कि गोला-बारूद के घटते भंडार की समस्या का भी निदान हो जाएगा।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना में 11 निजी कंपनियों को शामिल किया जाएगा। परियोजना के कार्यान्वयन पर सेना और रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी स्वयं नजर रखेंगे। इसका तात्कालिक उद्देश्य सभी अहम हथियारों के लिए इतना गोला-बारूद सुनिश्चित करना है ताकि सेना 30 दिन की लड़ाई में सक्षम हो सके। जबकि दीर्घकालिक उद्देश्य आयात पर निर्भरता घटाना है।