बजट 2018: पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने की उठी मांग

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(Hindustan)

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के बीच कांग्रेस ने सरकार से पेट्रोलियम पदार्थो को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग की है। जीएसटी परिषद की गुरुवार को होने वाली अहम बैठक से एक दिन पहले पंजाब सरकार में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि पेट्रोल-डीजल और रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए।बादल ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इसका सीधा बोझ आम लोगों पर पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने से दूसरी चीजों के मूल्यों में भी इजाफा हुआ है।

ऐसे में सरकार को फौरन पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। पार्टी का कहना है कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत कर चुके हैं। बादल ने कहा कि कांग्रेस पेट्रोलियम पदार्थो के साथ रीयल एस्टेट को भी जीएसटी के दायरे में लाने का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को होने वाली बैठक में यह विषय एजेंडा में शामिल नहीं है, पर कांग्रेस राज्यों के मंत्रियों के सामने इन मुद्दों को उठाएंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि सरकार अगली बैठक के एजेंडे में इन मुद्दों को शामिल करे।

यह सवाल किये जाने पर पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी की दर क्या होनी चाहिए, उन्होंने कहा कि यह सभी राज्य मिलकर तय करेंगे। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर चुके हैं। पार्टी का कहना है कि सरकार पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी में लाने के लिए गंभीर है, तो कांग्रेस के समर्थन से परिषद की बैठक में फैसला करा सकती है पर भाजपा सिर्फ बयानबाजी कर रही है, वह आम आदमी को राहत देने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही है।

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