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सरकार ने उन 2.24 लाख कंपनियों पर ताला लगा दिया है जो दो साल या उससे अधिक समय से निष्क्रिय थे। इनमें से ज्यादातर शेल कंपनियां हैं।सरकार ने यह भी पाया है कि नोटबंदी के बाद 35 हजार कंपनियों ने विभिन्न बैंकों में 17000 करोड़ रुपए जमा करवाए और कुछ ही समय बाद नए नोट की शक्ल में उसे निकाल लिया।कालेधन के खिलाफ चल रही सरकार की मुहीम के तहत इन कंपनियों की आगे की जांच चल रही है। रविवार को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल नोटबंदी के फैसले के बाद विभिन्न एजेंसियां खातों में रकम की आवाजाही की जांच कर रही है।
देश के 56 सरकारी और निजी बैंको ने सरकार को 35000 कंपनियों और 58000 खातों की जानकारी दी। इन बैंकों के रिपोर्ट के आधार पर और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। मंत्रालय ने इनमें से किसी कंपनी के नाम की जानकारी नहीं दी है।