(DJ)
आम लोगों के घरों और संस्थाओं की तिजोरियों में रखे हजारों टन सोने को निकालकर बैंकों में जमा कराने के इरादे से शुरू की गई ‘गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम’ कारगर नहीं रही है। इस योजना के तहत जितना सोना बैंकों में जमा होने की उम्मीद थी, उसका पांच फीसद भी जमा नहीं हो पाया है। स्कीम के तहत कितना सोना बैंकों में जमा हुआ, इसके बारे में आधिकारिक आंकड़े सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक स्कीम में महज 11-12 टन सोना ही जमा हुआ जो कि देश में परिवारों और संस्थाओं के पास उपलब्ध सोने की मात्र के मुकाबले काफी कम है।
देश में परिवारों और संस्थाओं के पास करीब 24,000 टन सोने का भंडार होने का अनुमान है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस योजना के क्रियान्वयन में बैंकों की भागीदारी कम रही। देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 20 तथा निजी क्षेत्र के 19 बैंक हैं और इनकी लगभग सवा लाख शाखाएं हैं। इनमें से मात्र 10 बैंकों ने ही गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम की सुविधा उपलब्ध करायी। यह सुविधा भी सीमित शाखाओं में ही उपलब्ध थी। इसके अलावा धार्मिक संस्थानों ने भी अपेक्षा के अनुरूप सोना इस योजना के तहत जमा नहीं कराया। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम, माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और सिद्धि विनायक मंदिर को छोड़ दें तो और कोई बड़ा संस्थान सोना जमा करने के लिए सामने नहीं आया।