देश भर में एक साथ चुनाव कराने में कोई दिक्कत नहींः चुनाव आयोग

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(Hindustan)

देशभर में लोकसभा, विधानसभा और अन्य निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाने की वकालत करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि उसे कोई दिक्कत नहीं है, बशर्ते इस नयी व्यवस्था के लागू होने से पहले संविधान और कानून में जरूरी संशोधन हो जायें और ​इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) और अन्य संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो जाये।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने इंदौर प्रेस क्लब के स्थापना दिवस समारोह में कहा कि सरकार ने लोकसभा, विधानसभाओं और अन्य निकायों के चुनाव एक साथ कराये जाने के विषय में वर्ष 2015 में निर्वाचन आयोग की राय जाननी चाही थी। हमने सरकार को तब ही विस्तृत जवाब दे दिया था कि एक साथ चुनाव कराने के लिये संविधान के संबंधित अनुच्छेदों के साथ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की संबंधित धाराओं में संशोधन करने होंगे।

उन्होंने कहा कि इन संशोधनों के बाद जब देश में एक साथ चुनाव कराने के लिये कानूनी ढांचा तैयार हो जायेगा, तो हमें पर्याप्त संख्या में ईवीएम और अन्य संसाधनों की जरूरत भी पड़ेगी. अगर ये सभी जरूरतें पूरी हो जाती हैं, तो एक साथ चुनाव कराने में निर्वाचन आयोग को कोई ​दिक्कत नहीं है। रावत ने बताया कि फिलहाल देश में 10 लाख मतदान केंद्रों के हिसाब से ईवीएम की जरूरत पड़ती है। अगर लोकसभा, विधानसभा और अन्य संस्थाओं के चुनाव एक साथ कराये जायेंगे, तो जाहिर तौर पर मशीनों की जरूरत बढ़ जायेगी।

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