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महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की श्रद्धांजलि समारोह में हिस्सा लेने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश फतवे से नहीं संविधान से चलता है। बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने जो संविधान दिया है, उसमें हर समस्या का समाधान है। मुख्यमंत्री के इस बयान को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें कहा गया था कि तीन तलाक पर अध्यादेश को नहीं माना जाएगा।
दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि ऊंच, नीच का भाव भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है। गुरु गोरखनाथ पीठ इसका आदर्श उदाहरण है। यहां कोई भेदभाव नहीं है। हर जाति, हर भाषा और हर संप्रदाय के लोग गोरखनाथ पीठ से जुड़े हैं। सब अपनी परंपरा के अनुसार पूजा करते हैं। स्वच्छता का मानक गोरखनाथ पीठ ने साबित किया है। मेरे, गुरुजन कहते थे दूसरों की कमी मत देखो।
अगर, हम स्वयं की समृद्धि चाहते हैं तो भारत के समृद्धि की चिंता भी करें। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यानाथ ने हिंदुत्व को गोरखनाथ मंदिर का वैचारिक अधिष्ठान बनाया था। राष्ट्र धर्म को सभी धर्मों से ऊपर माना था। वे कहते थे सनातन हिंदू धर्म एवं संस्कृति ही भारतीयता है। स्वतंत्रता आंदोलन से चौरी चौरा कांड तक में गोरक्ष पीठ के संतों को आरोपित किया गया। ये घटनाएं प्रमाणित करती हैं कि गोरक्ष पीठ ने उस सन्यासी परंपरा का अनुसरण किया, जिसमें राष्ट्र धर्म को हमारा धर्म कहा गया। राष्ट्र की रक्षा सन्यासी का पहला कर्तव्य है। व्यक्तिगत धर्म से बड़ा राष्ट्र धर्म है।