चुनाव आयोग ने SC में कहा- दागी नेताओं को दल बनाने से रोकें

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(Hindustan)

आपराधिक मामलों में दंडित होने के बाद चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किए गए नेताओं के लिए नई पार्टी बनाना या पार्टी में किस पद पर रहना मुश्किल होगा। भारतीय निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि ऐसे नेताओं को पार्टी बनाने से रोकने के लिए दायर याचिका का वह पूरा समर्थन करता है। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर 70 पन्नों के शपथपत्र में निर्वाचन आयोग ने कहा कि दलों में आंतरिक प्रजातंत्र बेहद जरूरी है और इसे लागू करने के लिए निर्वाचन आयोग को कानूनी शक्तियां दी जानी चाहिए।

निर्वाचन आयोग के निदेशक (विधि) विजय कुमार पांडे ने यह शपथपत्र अश्वनी उपाध्याय की एक रिट याचिका के जवाब में दाखिल किया है। याचिका में मांग की गई है कि दंडित नेताओं को राजनैतिक दल बनाने और दलों में पदों पर रहने से रोका जाए। उन्होंने कहा था कि एक ओर तो अपराधों में दंडित होने के बाद वे छह वर्ष के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिए जाते हैं लेकिन दूसरी ओर वे राजनैतिक दलों में पदों पर बने रहते हैं और अपनी पार्टी बना लेते हैं, जिससे आपराधिकरण जारी रहता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को विचार के लिए स्वीकार करते हुए 1 दिसंबर 2017 को केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

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