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पर्यावरणविद् पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण किसी भी कीमत पर किया जाना चाहिए। उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड पर काम चल रहा है और यह अच्छी बात है। लेकिन, चिंता इस बात की है कि इसमें बड़ी संख्या में पेड़ों का कटान होगा। यदि परियोजना की लागत को बढ़ाकर किसी तरह वनों की क्षति कम से कम की जाती है तो वह कार्य हर हाल में किया जाना चाहिए। यह विचार पद्मभूषण भट्ट ने हिमालयाज यू एंड मी (हम) फाउंडेशन के एन्वॉयरमेंट कॉन्क्लेव-2018 में रखे।
शनिवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि ऑल वेदर रोड परियोजना में सड़कों का निर्माण पिलरों के सहारे किया जाना चाहिए। बेशक इस काम में परियोजना की लागत बढ़ जाएगी, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर यह कुछ भी नहीं है। वहीं, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. जयराज ने वन्यजीवों के शिकार की रोकथाम की बात कही। उन्होंने कहा कि वैसे तो वन विभाग की साइट पर तमाम नंबर हैं, मगर यदि किसी भी व्यक्ति को वन्यजीवों के शिकार आदि की जानकारी मिलती है तो सीधे उन्हें भी कॉल किया जा सकता है। वह तत्परता से उस पर कार्रवाई करेंगे। वहीं उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड में 500 बांध परियोजनाएं प्रस्तावित हैं और यदि ऐसा हुआ तो नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। बड़ी परियोजनाओं की जगह 10-10 मेगावाट की छोटी-छोटी परियोजनाओं का निर्माण किया जाना चाहिए। कॉन्क्लेव में बॉलीवुड फिल्मों के लेखक दिलीप शुक्ला ने बताया कि वह उत्तराखंड पर एक प्रेम कहानी बना रहे हैं। इससे उत्तराखंड में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यहां के लोगों में हर तरह का हुनर है और बेहतर होगा कि लोगों को उन्हीं के क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलें। उत्तराखंड में प्राकृतिक सौंदर्य भी अपार है, लिहाजा फिल्म निर्माण के अवसरों को बढ़ाने की जरूरत है। इस अवसर पर लोक गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट, हम फाउंडेशन के मैनेजिंग पार्टनर अमित भनोट आदि उपस्थित रहे।