(D.J)
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। प्रदेश सरकार को केंद्र ने फिर बड़ा तोहफा दिया है। विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में दी जाने वाली धनराशि 400 करोड़ की सीमा को बढ़ाकर 600 करोड़ किया है। साथ ही पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 200 करोड़ की राशि के प्रस्ताव राज्य से मांगे हैं। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में मिलने वाली तकरीबन 500 करोड़ की धनराशि भी राज्य को अग्रिम दी गई है। एक हजार करोड़ से ज्यादा की वित्तीय मदद ने प्रदेश के सामने ऋण लेने की मजबूरी फिलहाल टाल दी।
विकास कार्यों के लिए धन को तरसते उत्तराखंड को केंद्र ने सहायता बढ़ाई है। यह सहायता केंद्रपोषित योजनाओं में मिलने वाली सहायता के अतिरिक्त है। दरअसल केंद्र सरकार ने राज्य के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पूंजीगत खर्च में अतिरिक्त सहायता के रूप में 400 करोड़ की राशि निर्धारित की। इसमें 200 करोड़ की वृद्धि करते हुए राज्य को 600 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। यही नहीं पूंजीगत परियोजनाओं में भी अतिरिक्त सहायता देने का रास्ता साफ किया गया है।
केंद्र ने अतिरिक्त पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 200 करोड़ की राशि से संबंधित प्रस्ताव भेजने को कहा है। वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना शुरू होने से पहले ही 800 करोड़ की ये मदद राज्य को मिली है। साथ में केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में मिलने वाली धनराशि राज्य को अग्रिम मुहैया कराई गई है। करीब 500 करोड़ की इस मदद से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है। इसके बूते राज्य को बीते माह के अंतिम दिनों और चालू माह के शुरुआती दिनों में ऋण नहीं लेना पड़ा है। हालांकि वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में राज्य सरकार को एक से डेढ़ हजार करोड़ रुपये का ऋण लेना पड़ सकता है। वित्त सचिव अमित नेगी ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता मिलने की पुष्टि की।