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16 मई की सुबह आरुषि का खून से लथपथ शव उसके कमरे में बिस्तर पर पड़ा मिला था। उस दिन नोएडा पुलिस ने घर की छत पर तलाशी नहीं ली थी। लिहाजा, पुलिस ने नौकर हेमराज को लापता मानते हुए उसे ही हत्या का आरोपी मान लिया था। केस में 17 मई की सुबह तब नया मोड़ आ गया, जब हेमराज का भी खून से लथपथ शव तलवार दंपति के फ्लैट की छत से बरामद हो गया। ये शव नोएडा में तैनात रह चुके पूर्व डीएसपी केके गौतम ने बरामद किया था।
वह हत्याकांड की सूचना मिलने पर अपने एक दोस्त के साथ तलवार दंपत्ति के फ्लैट पर पहुंचे थे। हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ. राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। 1 जून को इस केस की जांच सीबीआई को स्थानांतरित हो गई। सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तब से तलवार दंपति जेल में बंद हैं।