आधार नंबर को रद्द करने का किसी नागरिक को अधिकार नहीं

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(Hindustan)

अगर आप आधार में पंजीकृत हो चुके हैं तो यह जान लीजिये कि कोई नागरिक इसे रद्द नहीं करा सकता है, यानी आधार को चाहकर भी नहीं छोड़ सकता है। कानून में ऐसा अधिकार नागरिक को नहीं दिया गया है, इसलिए ऐसा करना मुमकिन ही नहीं है। जैसे जन्म प्रमाण पत्र, कॉलेज-स्कूल डिग्री या पासपोर्ट का विस्तार नहीं खत्म कराया जा सकता।

पूर्वोत्तर के मेघालय समेत देश में कई स्थानों पर हजार से भी ज्यादा लोग आधार को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर विशिष्ट पहचान-पत्र प्राधिकरण के मुताबिक आधार में पंजीकरण या निजी जानकारी अपडेट कराना आधार अधिनियम-2016 के तहत मान्य है। देश का कोई नागरिक 12 अंक के विशिष्ट पहचान नंबर यानी आधार में पंजीकरण के बाद बाहर नहीं निकल सकता है। अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

प्राधिकरण के अनुसार किसी भी नागरिक को देश के कानून से बाहर निकलने का अधिकार नहीं है। कुछ लोग आयकर अधिनियम के दायरे में नहीं आते हों और वे शायद पैनकार्ड डाटा खत्म कराना चाहें, क्या वे ऐसा करा सकते हैं? या क्या वे जन्म प्रमाण-पत्र, कॉलेज-स्कूल डिग्री या पासपोर्ट विस्तार से बाहर (खत्म) आने का आवेदन कर सकते हैं? मेघालय में इस मसले पर लोग अभियान चला रहे हैं।

प्राधिकरण के मुताबिक सरकार द्वारा देश के आर्थिक तंत्र संबंधी सेवाएं बेहतर, पारदर्शी, कुशल और प्रभावी तरीके से प्रदान करने के लिए आधार प्रणाली का इस्तेमाल देश के सभी लोगों के लिये किया जा रहा है। इसके साथ ही देश के विकास और अर्थव्यवस्था में आगे बढ़कर योगदान देना भी शामिल है।

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