अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना होने की बात महज ‘राजनीतिक प्रचार’: वेंकैया नायडू

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(NDTV)

 उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यकाल का गुरुवार को आखिरी दिन है. एक दिन पहले ही उन्‍होंने राज्यसभा टीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्‍होंने कहा कि मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास है. उनमें असुरक्षा की भावना घर कर रही है. स्वीकार करने का माहौल ख़तरे में है. भारतीय मूल्य, संस्थाएं कमज़ोर हो रही हैं. किसी की भारतीयता पर सवाल उठाना बेहद परेशान करने वाला है. बार-बार राष्ट्रवाद साबित करने की ज़रूरत नहीं है. मैं एक भारतीय हूं और यही काफ़ी है.’ उनके इस बयान पर बीजेपी और शिवसेना ने प्रतिक्रिया दी है. ताजा मामले में नव निर्वाचित उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बिना नाम लिए अंसारी के बयान पर निशाना साधा. उन्‍होंने देश में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना होने की बात को महज ‘राजनीतिक प्रचार’ बताकर खारिज कर दिया.

नायडू ने यद्यपि किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनकी टिप्पणी को पूर्व उप-राष्ट्रपति अंसारी के एक टीवी साक्षात्कार की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के मुसलमानों में असहजता और असुरक्षा की भावना है, और ‘स्वीकार्यता का माहौल’ खतरे में है.

नायडू ने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं. यह एक राजनीतिक प्रचार है. पूरी दुनिया के मुकाबले अल्पसंख्यक भारत में ज्यादा सकुशल और सुरक्षित हैं और उन्हें उनका हक मिलता है.’’ उन्होंने इस बात से भी इत्तेफाक नहीं जताया कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और कहा कि भारतीय समाज अपने लोगों और सभ्यता की वजह से दुनिया में सबसे सहिष्णु है. उन्होंने कहा कि यहां सहिष्णुता है और यही वजह है कि लोकतंत्र यहां इतना सफल है.

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