(Hindustan)
अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद (ram janmabhoomi babri masjid land dispute) के समाधान के लिए इसे मध्यस्थता को सौंप दिया है। इस केस की मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस खलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया। इसमें जस्टिस खलीफुल्ला चेयरमैन होंगे, श्री-श्री रविशंकर, और श्रीराम सीनियर एडवोकेट सदस्य होंगे। कार्रवाही फैजाबाद में होगी और गोपनीय होगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की रिपोर्टिंग पर बैन लगा दिया है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को इस मुद्दे पर विभन्न पक्षों को सुना था। पीठ ने कहा था कि इस भूमि विवाद को मध्यस्थता के लिए सौंपने या नहीं सौंपने के बारे में बहुत जल्द आदेश दिया जाएगा। इस प्रकरण में निर्मोही अखाड़ा के अलावा अन्य हिन्दू संगठनों ने इस विवाद को मध्यस्थता के लिए भेजने के शीर्ष अदालत के सुझाव का विरोध किया था, जबकि मुस्लिम संगठनों ने इस विचार का समर्थन किया था।
शीर्ष अदालत ने विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों निर्मोही अखाड़ा, रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर-बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील पर सुनवाई के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था।