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केंद्र सरकार ने अडानी समूह के साथ साझेदारी में एके सीरीज असॉल्ट राइफल्स के लिए भारत में विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के रूस द्वारा दिए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब हाल ही में सरकार द्वारा 20 अरब डॉलर (1.4 लाख करोड़ रुपये) के 114 नये लड़ाकू विमान खरीदने की बात सामने आई थी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार का कहना है कि अगर रूस ‘सरकार से सरकार’ की डील करना चाहता है तो इसमें निजी क्षेत्र की कंपनियों को शामिल नहीं किया जा सकता है।
सूत्रों की मानें तो रूस ने एके-103 राइफल के उत्पादन के लिए अप्रैल में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की मॉस्को के दौरे के दौरान संयुक्त उद्यम स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था। बता दें कि एके-103, एके-47 राइफल का एक आधुनिक संस्करण है, जिसका व्यापक रूप से भारत की सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग किया जाता है। सूत्रों का कहना है कि मौजूदा नीति के अनुसार, रूसी रक्षा फर्म क्लाशनिकोव केवल सरकारी स्वामित्व वाली ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का सहयोग कर सकती है।
सूत्र का कहना है कि एक निजी फर्म के साथ साझेदारी करने के रूसी प्रस्ताव को सरकार ने खारिज कर दिया गया है, क्योंकि उनके पास परियोजना के लिए सरकारी फर्म के साथ हाथ मिलाकर शामिल होने का विकल्प है। बता दें कि रूस का यह प्रस्ताव तब आया था, जब सेना लगभग 7 लाख राइफलों को खरीदने की योजना बना रही थी।